गंजे आदमी और मक्खी की कहानी

यह बच्चों के पढ़ने के लिए गंजे आदमी और मक्खी की कहानी है । एक बार की बात है, एक गर्मी और धूप वाला दिन था। मिठाई की बहुत बड़ी दुकान थी। एक विशाल सा बहुत मोटा आदमी उस दुकान का मालिक था। वह अपनी मिठाई की दुकान पर नज़र रख रहा था। स्वादिष्ट, स्वादिष्ट चीनी-लेपित मिठाइयों के आसपास बहुत सारी मक्खियाँ भिनभिना रही थीं।

वह लगातार हाथ हिला रहा था ताकि कोई भी मक्खियाँ उसकी मिठाइयों को खराब न कर सकें। “अगर ये मिठाइयाँ खराब हो जाएँगी तो कोई इन्हें नहीं खरीदेगा”, उसने मन ही मन सोचा। तब तक एक दुष्ट मक्खी आ गई और उसके गंजे सिर पर बैठ गई। उस दुष्ट मक्खी ने उसके गंजे सिर पर काट लिया। मक्खी को मारने के लिए उसने अपना सिर पीट लिया।

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मक्खी की कहानी

मक्खी की कहानी

Image Source मक्खी जल्दी से उसके गंजे सिर से हट गई और उसका मज़ाक उड़ाने लगी। “मूर्ख आदमी! तुमने मुझे मारने की कोशिश की और तुम अपने ही सिर पर थप्पड़ मारकर चोटिल हो गए”, उस दुष्ट मक्खी ने व्यंग्य से कहा।

मोटे आदमी ने कहा, “में तुम्हे जाल में डालने के लिए किसी भी हद्द तक जाऊँगा चाहे मुझे खुद को ही क्यों न पीटना पड़े। इतना प्रयास तो मैं अपनी मिठाइयों के लिए कर ही सकता हूँ ।”

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कहानी का नैतिक – हम अपने आप को तभी नुकसान पहुँचाते हैं जब हम अपने निराधार दुश्मनों को मारने की कोशिश करते हैं।