धब्बेदार बकरी की कहानी

यह एक धब्बेदार बकरी की कहानी है। बहुत समय पहले, एक बहुत ही चंचल बकरी रहती थी। बकरी अपने मालिक, श्रीमान और श्रीमति सिंह के साथ रहती थी। उन्होंने बकरी को अपने बच्चे की तरह लाड़ प्यार से पाला था। लेकिन बकरी बहुत शरारती थी और उसे ऊनी कपड़े चबाना बहुत पसंद था। श्रीमान और श्रीमति सिंह इसे लेकर बहुत चिंतित रहते थे। वे बकरी के व्यवहार के लिए उसे हर दिन डांटते थे।

एक दिन श्रीमान और श्रीमति सिंह को फल और सब्जियां खरीदने के लिए बाज़ार जाना पड़ा। जाने से पहले, श्रीमति सिंह ने श्रीमान सिंह की पसंदीदा ऊनी जैकेट को सुखाने के लिए हैंगर पर डाला था। दोनों ने बकरी को जैकेट न चबाने की चेतावनी दी। एक बार जब वे चले गए, तो भारी बारिश होने लगी। तेज़ हवा के कारण जैकेट ज़मीन पर गिर गई।

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 बकरी की कहानी

बकरी की कहानी

Image Source जब बकरी जैकेट उठा रही थी, अनजाने में जैकेट का एक टुकड़ा उसके मुँह में आ गया। इससे पहले कि वह कुछ समझ पाती, उसने जैकेट गलती से चबा ली। जब बारिश रुकी, तो बकरी को एहसास हुआ कि उसने क्या किया है। अंत में, उसने चुप रहने का फैसला किया।

जब श्रीमान और श्रीमति सिंह लौटें तो उन्होंने देखा कि जैकेट नहीं है। उन्होंने काफी तलाश की, लेकिन ऊनी जैकेट नहीं मिली। श्रीमति सिंह ने देखा कि उनकी प्यारी बकरी की ठुड्डी के चारों ओर ऊन का एक कतरा चिपका हुआ है। श्रीमति सिंह गुस्से में बकरी पर चिल्लाई और उसे उनके घर से बाहर निकाल दिया। बेचारी बकरी को बिना खाना खिलाये ही घर से निकाल दिया गया था। उसने फिर कभी ऊन न चबाने की कसम खाई।