राजा मिदास और जादुई सुनहरा स्पर्श

यह बच्चों के लिए राजा मिदास और जादुई सुनहरा स्पर्श की कहानी है। एक बार मिदास नाम का एक राजा रहता था। उसका एक बड़ा राज्य था। उसके कई महल थे। लेकिन फिर भी वह खुश नहीं था। वह बहुत लालची इंसान था और चाहता था की उसके पास बहुत सारा सोना हो। एक दिन जब वे प्रार्थना कर रहे थे, एक साधु प्रकट हुए। राजा मिदास ने प्रार्थना करते हुए कहा, “स्वामी जी, मुझे एक वरदान दीजिये! मैं जो भी छूऊं वह सोना बन जाए! स्वामी जी ने कहा, “बेटा, तुम्हारी इच्छा पूरी होगी।” राजा बहुत खुश हुआ।

उसने अपने सिंहासन को छुआ और वह सोने में बदल गया। उसने कुर्सियों, मेजों, फूलदानों और मूर्तियों को छुआ और वे सभी सोने में बदल गए। राजा मिडास शब्दों से परे खुश था। उसे लगा कि वह दुनिया का सबसे अमीर आदमी है। फिर खुशी-खुशी उन्होंने अपने खाने का आर्डर दिया। जैसे ही उसने उसे छुआ, वह सोने में बदल गया। राजा को बड़ा अचरज हुआ। अब वह कुछ खा-पी नहीं सकता था।

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राजा मिदास

राजा मिदास

अचानक, उनकी बेटी दौड़कर अंदर आ गई। जैसे ही उसने उसके चारों ओर अपनी बाहें डालीं, उसकी बेटी भी सोने की मूर्ति में बदल गई। राजा मिडास चौंक गया। “धत्तेरे की! मुझे और सोना नहीं चाहिए। मुझे मेरी प्यारी बेटी वापस चाहिए। “हे स्वामी जी, अपना वरदान वापस ले लो, मैं आपसे विनती करता हूँ।” वह रट हुए बोले। स्वामी जी प्रकट हुए और राजा को पानी की एक बोतल दी और कहा, “इस पानी को उन सभी चीजों पर छिड़को जो सोने में बदल गई हैं।”

जब राजा मिदास ने जल का छिड़काव किया, तो सभी चीजें अपने मूल रूप में आ गईं। जैसे ही राजा मिडास ने अपनी पुत्री को ठीक होते देखा, उनकी जान में जान आई। उन्होंने अपनी पुत्री को गले लगाया। अब उन्हें और कुछ नहीं चाहिए था और वे बहुत खुश थे।

उन्होंने इस घटना के बाद एक सबक सीखा कि “सोने की चीज़ अमीर ज़रूर बना सकती है लेकिन यह ज़रूरी नहीं की वह आपको खुशी भी दे!”